Basis of economy, economic problem and production problem

अर्थव्यवस्था के मूल आधार,आर्थिक समस्या और उत्पादन की समस्या आदि( Basis of economy, economic problem and production problem etc )

उत्पादन का अर्थ ---

साधारण बोलचाल की भाषा में किसी नई वस्तु के निर्माण को ' उत्पादन ' कहा जाता है किन्तु वैज्ञानिक के अनुसार यह विचार सही नहीं है  क्योंकि मनुष्य न तो किसी नए पदार्थ का उत्पादन कर सक ता है और न ही किसी पदार्थ का नाश कर सकता है | मनुष्य तो केवल पदार्थ या वस्तु के रूप ,रंग ,स्थान आदि को बदल कर उसकी उपयोगिता या तुष्टिगुन (utiliy) को कम या अधिक कर सकता है
उदाहणार्थ--- एक बढाई एक लट्ठे से मैज बनाकर किसी नए पदार्थ को उत्पन्न नहीं करता बल्कि वह तो अपने श्रम तथा औजारों की सहायता से लकड़ी को मेज का रूप देकर लकड़ी में अतिरिक्त तुष्टि गुण का सृजन करता है दूसरे शब्दों में बढ़ाई लकड़ी का उत्पादन नहीं करता बल्कि वह तो केबल लकड़ी के तुष्टि गुण में वृद्धि करता है| अर्थशास्त्र में इस दुष्ट गुण में वृद्धि को ही उत्पादन कहा जाता है| गन्ने से चीनी बनाना चमड़े से जूते बनाना मिट्टी से बर्तन बनाना आदि कार्य उत्पादन क्रिया हैं जिसमें तुष्टि गुण में वृद्धि होती है

आर्थिक समस्या क्या है---

मानवीय आवश्यकताएं असीमित हैं किंतु उन्हें संतुष्ट करने वाले अधिकांश साधन सीमित हैं और वैकल्पिक उपयोग वाले हैं किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए यह संभव नहीं है कि वह प्रत्येक निवासी की आवश्यकता की सभी वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन कर सके अतः प्रत्येक अर्थव्यवस्था को यह चुनाव करना पड़ता है कि वैकल्पिक प्रयोग वाले सीमित साधन (भूमि, श्रम, पूजी, संगठन आदि)का किस प्रकार सर्वोत्तम उपयोग किया जाए ताकि अधिकाधिक आवश्यकताओं को संतुष्ट किया जा सके लेफ़्टविच के अनुसार "आर्थिक समस्या का संबंध मनुष्य की वैकल्पिक आवश्यकताओं के लिए सीमित साधनों का उपयोग से है "
सीमित साधनों के विभिन्न उपयोगों में आवंटन की समस्या को ही आर्थिक समस्या कहते हैं अतः आर्थिक चुनाव, चुनाव की समस्या (problem of choice) यहां संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग की समस्या है| ध्यान रहे कि आर्थिक समस्या केवल वर्तमान साधनों के वितरण की समस्या ही नहीं वर्ण भविष्य में उसम वृद्धि की समस्या भी है संक्षेप में ,'आर्थिक समस्या' वह समस्या है जिसका संबंध वर्तमान साधनों के कुशल तम बंटवारे तथा भविष्य में साधनों में वृद्धि तथा उसके वितरण से है

 उत्पादन की मूल समस्याएं (basic problem of production)

एक अर्थव्यवस्था भिन्न प्रकार की आर्थिक क्रियाओं का योग होती है प्रत्येक अर्थव्यवस्था चाहे वह विकसित हो या विकासशील के पास साधन सीमित होते हैं किंतु उसकी आवश्यकताएं असीमित होती है प्रत्येक अर्थव्यवस्था को आय उत्पादन तथा रोजगार संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए अपनी असीमित आवश्यकताओं और वैकल्पिक प्रयोग वाले सीमित साधनों के बीच चुनाव करना पड़ता है साधनों की सीमित अदाओं के कारण या तो कुछ आवश्यकताओं को छोड़ दिया जाता है अथवा उन्हें भविष्य के लिए स्थगित कर दिया जाता है इसी चुनाव की समस्याओं के कारण कुछ समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं जिन्हें आधारभूत या मूलभूत आर्थिक समस्या कहा जाता है प्रत्येक अर्थव्यवस्था की निम्न पांच केंद्रीय या मूलभूत समस्याएं होती हैं

1. क्या उत्पादन किया जाए तथा कितना उत्पादन किया जाए
2. उत्पादन कैसे किया जाए
3. उत्पादन किन के लिए किया जाए
4. संसाधनों का कुशलता में प्रयोग कैसे किया जाए
5. आर्थिक विकास की गति को कैसे बढ़ाया जाए

1. क्या तथा कितना उत्पादन किया जाए--

प्रत्येक अर्थव्यवस्था राष्ट्र के सम्मुख एक समस्या यह होती है कि वह अपने सीमित साधनों से किन-किन वस्तुओं का उत्पादन करें और कितनी मात्रा में करें इस समस्या के समाधान के लिए देश को निम्नांकित चार वर्गों की वस्तुओं के बीच चयन करना होता है

(a) उपभोक्ता वस्तुएं---- जैसे-गेहूं चावल चीनी कपड़ा चाय इत्यादि तथा उत्पादों के वस्तुएं वस्तुएं जैसे मशीन औजार ट्रैक्टर खाद बीज आदि

(b) अनिवार्य वस्तुएं---- जस्सी रोटी कपड़ा मकान दवाएं आदि अथवा विषमता वस्तुएं जैसे कार आभूषण लिपस्टिक एयर कंडीशनर आदि

(c) नागरिक वस्तुएं-- जैसे रेडियो टेलीविजन स्कूटर कपड़े जूते आदि अथवा युद्ध सामग्री जैसे टैंक तो मशीन गन लड़ाकू विमान गोला बारूद आदि

(d) निजी वस्तुएं---  जैसेव्यक्ति के मकान कार स्कूटर वस्त्र आदि अथवा सार्वजनिक वस्तुएं जैसे सड़क पार्क सरकारी स्कूल में असफल आदि


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